जिन को कोई और ले जायेगा
आर्यन चैप्टर 7
अब तक आपने पढ़ा श्लोक जी रंधीर को बताते हैं की आरव को जीनी के लिए नियति ने चुना है और दोनों की शादी आरव की मर्ज़ी थी आर्यन जीनी को कमरे मे अकेला छोड़ उस लड़की के साथ दूसरे कमरे में चला जाता है लेकिन आज पहली उसे किसी लड़की के करीब जाना बुरा लग रहा था वो वहीं बैठ पुरानी बातें सोचने लगता है.....
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अब आगे
13 साल पहले
आरव घर में बैठा होमवर्क कर रहा था तभी श्लोक और रंजना जी (श्लोक जी की बीवी और आर्यन की मां) कुछ परेशान से बैठे बात कर रहे थे । श्लोक जी कहते हैं "अगर जिनी की शादी नहीं हुई तो उसके लिए मुसीबत हो जाएगी"
रंजना जी कहती हैं "लेकिन वह अभी बहुत छोटी है, सिर्फ 13 साल की लड़की की शादी , और कौन है ऐसा जिस पर भरोसा कर सकते हैं कि वह उसे संभाल लेगा"
श्लोक जी थोड़ा परेशान होते हुए कहते हैं "कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें कर्मवीर और भाभी बहुत परेशान हैं जिनी को लेकर"
जिनी की शादी की बात सुन वहीं बैठा छोटा सा आर्यन गुस्से में अपनी पेंसिल पर पकड़ कस देता है और जिसके कारण उसकी पेंसिल टूट जाती हैं।
वह गुस्से में उठता है और घर से बाहर भाग जाता है उसे यू भागता देख श्लोक जी और रंजना जी उसके पीछे भागते हैं उसके घर से जीनी का घर दूर नहीं था । वहीं कुछ 2 किलोमीटर की दूरी पर था । आर्यन गुस्से में दौड़ता हुआ जिनी के घर पहुंचता है तो हॉल में कर्मवीर और उनकी बीवी कौशल्या बैठ कर बात कर रहे थे ।
आर्यन को यहां आता देख कौशल्या जी उसके पास जाती हैं और उसका पसीना अपनी पल्लू से साफ करते हुए कहती हैं "क्या हुआ बेटा आप इतना हाफ क्यों रहे हैं"
तभी श्लोक जी और रंजना जी कार से बाहर निकलते हैं और आरव को देखते हुए कहते हैं "यह लड़का इतनी दूर से भागता हुआ आया है पता नहीं इसे क्या हो गया अचानक"
वो उनकी बातों से बेखबर पूरे घर में किसी को ढूंढ रहा था लेकिन वह उसे नहीं दिखती तो वो कौशल्या जी का हाथ झटक देता है और उन्हें घूरते हुए गुस्से में लेकिन धीमी आवाज में कहता है।
"मेरा जिन कहां है?" उसकी बात सुनकर कर्मवीर जी प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहते हैं "बेटा आप इतना गुस्सा क्यों कर रहे हैं पहले पानी पी लीजिए।"
आरव कर्मवीर जी का हाथ झटकते हुए लगभग चीखते हुए कहता है "मैंने पूछा मेरा जिन कहां है? "
उसकी आवाज इतनी तेज थी कि एक पल को कर्मवीर जी भी दो कदम पीछे हट जाते हैं और अपनी उंगली ऊपर कमरे की तरफ कर देते हैं। उनका इशारा समझ कर आरव भागता हुए ऊपर जाने लगता है और उसी के पीछे कर्मवीर कौशल्या, रंजना और श्लोक जी भी भागते हुए जाते हैं।
आरव जब कमरे में आता है तो देखता है 13 साल की छोटी सी जीनी अपने टेडी बियर को पकड़ कर सो रही थी। आरव सब को एक नज़र देखता है फिर जिनी के पास जाकर उसका टेडी छीन लेता है और फेक देता है फिर जिनी को हिलाते हुए कहता है "जिनी उठ जाओ अभी के अभी....मैंने कहा उठो।"
जिनी अपनी आंखें मलते हुए नींद भरी आवाज में कहती है "क्या हुआ आरु तुम क्यों मुझे सोने नहीं देते"
आरव गुस्से में उसका हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर देता है और उसके आगे खड़े होते हुए कहता है "जिन सिर्फ मेरी है और इससे मुझसे कोई दूर नहीं करेगा"
आरव की बात सुन सब शॉक्ड हो जाते हैं तभी श्लोक जी हिम्मत करके उसके करीब आते हैं और कहते हैं "नहीं बेटा जिनी को कोई आपसे दूर नहीं कर रहा है, उसकी बस शादी करवानी है वो बहुत जरूरी है"
आरव उनकी आंखों में देखते हुए कहता है "पापा अगर जिनी की शादी किसी और से हो गई तो वो उसे अपने साथ ले जाएगा, और जिन तो मेरा है ना"
श्लोक जी उसे समझाते हुए कहते हैं "नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं होगा। आप बात को समझो"
आरव कुछ सोचता है फिर सबकी तरफ देख कर कहता है "शादी कैसे होती है? और क्या शादी के बाद जीन उसके साथ रहेगी जिससे शादी होगी? "
उसकी बात सुन सब मुस्कुरा देते हैं "कौशल्या जी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहती हैं "जब लड़का लड़की को मंगलसूत्र पहनाता है और मांग में सिंदूर भरता है तब शादी हो जाती है, और हाँ जीनी की शादी जिससे होगी जीनी उसी के साथ रहेगी"
आरव कहता है "बस इतना ही"
रंजना जी कहती है "हां इतना ही जरूरी होता है" आरव एक बार अपनी मम्मी, और कौशल्या जी को ध्यान से देखता है और वहां से भाग जाता है।
उसे जाता देख रंजना जी मुस्कुराते हुए कहती हैं "यह आरव जिनी के पीछे पागल हुआ रहता है"
कौशल्या जी मुस्कुराते हुए कहती हैं "बच्चा है बड़ा होगा तो सब ठीक हो जाएगा"
सब लोग मुस्कुराने लगते हैं लेकिन श्लोक जी जिनी को देखते हैं जो चुपचाप खड़ी मुस्कुरा रही थी , श्लोक जी उसके पास जाते हैं और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहते हैं "बेटा आपको आरव से डर नहीं लगता और उसके गुस्से से"
जिनी मुस्कुराते हुए कहती है "अंकल आरू हैं तो मुझे फिक्र नहीं होती वह मुझसे लड़ता है लेकिन मुझे उस से डर नहीं लगता। मुझे वह कवच जैसा लगता है जो मेरी सारी मुसीबत को रोक देता है"
जिनी की बात सुन सब हक्के बक्के रह जाते हैं और हंस देते हैं उसकी मासूमियत पर लेकिन श्लोक जी खोए हुए कहते हैं।
"आरव का जुनून है जीनी" तभी आरव भागते हुए आता हैहै
और सबको एक नज़र देख जीनी की तरफ बढ़ जाता है, उसके हाथ में काले रंग की मोती की माला थी.......
क्या करने वाला है आरव? और क्या करेगा आरव का जुनून? क्या श्लोक जी डर रहे हैं आरव के जुनून से? और क्यों जीनी को डर नहीं लगता है आरव से? क्या अंजाम होगा आरव के जुनून का?
क्या मोड लेने वाली है कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी आर्यन इश्क़ की अनोखी दास्ताँ ...
वानी
Gunjan Kamal
23-Apr-2023 07:39 PM
👏👌
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